हवाला नेटवर्क: विदेशी मुद्रा का अवैध प्रवाह और इससे निपटने की आवश्यकता

भारत सरकार को एक महत्वपूर्ण सुझाव: विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों के बैंक खातों की जांच
विदेशों, विशेषकर अरब देशों में काम कर रहे अनेक भारतीय नागरिक अपनी आय को भारत के बैंक खातों में नहीं भेजते हैं। इसके बजाय, वे हवाला नेटवर्क का सहारा लेते हैं, जिससे कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं:
– हवाला नेटवर्क का दुष्प्रभाव:
– आतंकवाद, मानव तस्करी, हथियारों का अवैध बाजार, और ड्रग्स के अवैध व्यापार को वित्तपोषण।
– भारत से बाहर जाने वाले काले धन का मुख्य मार्ग।
– भारतीय सरकार को विदेशी मुद्रा का बड़ा नुकसान।
– भारतीय वित्तीय क्षेत्र की अस्थिरता।
– सरकार के लिए सुझाव:
1. सूची तैयार करना: विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों की सूची बनाएं, जिसमें उनकी आय और धनराशि के भेजने का विवरण हो।
2. आय की जांच: जांच करें कि ये लोग अपनी आय को भारत में भेज रहे हैं या नहीं। अगर नहीं, तो उनके आश्रित परिवार कैसे जीवित हैं और उन्हें पैसा कैसे मिल रहा है।
3. हवाला नेटवर्क की पहचान: हवाला कारोबार में संलग्न लोगों और उनके भारतीय संपर्कों की पहचान करें।
4. अधिकारियों की जिम्मेदारी: इस नेटवर्क में शामिल सरकारी और व्यवसायिक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएं।
5. शिक्षा और जागरूकता: विदेश जाने वाले श्रमिकों को हवाला नेटवर्क के खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें वैध चैनलों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें।
– नैटग्रिड और विमुद्रीकरण:
– 2022 में गृह मंत्री अमित शाह ने नैटग्रिड के विकास की बात की थी, लेकिन अभी तक इसके परिणाम स्पष्ट नहीं हैं।
– 2016 में भारत में विमुद्रीकरण ने हवाला प्रणाली पर एक महत्वपूर्ण रोक लगाई थी, लेकिन यह प्रणाली फिर से सक्रिय हो गई है।
– आंकड़े और आंकलन:
– सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 से हर साल 14 बिलियन विदेशी मुद्रा भारत भेजी जाती है, जिसमें से केवल 4 बिलियन नियमित चैनलों (जैसे बैंक) के माध्यम से आती है। शेष 10 बिलियन हवाला नेटवर्क के माध्यम से भेजी जाती है।
सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि यह मुद्दा भारत की सुरक्षा और वित्तीय प्रबंधन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
धन्यवाद,
सुनील दत्त गोयल
महानिदेशक
इम्पीरियल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जयपुर, राजस्थान