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भारत का अब तक का सबसे प्रभावशाली बजट – करदाताओं को ऐतिहासिक राहत!

भारत में आयकर दाताओं के लिए बीते 76 वर्षों में इससे बेहतरीन बजट की उम्मीद शायद ही की जा सकती थी।
मुझे अच्छी तरह याद है कि जब 1981 में मैंने शेयर बाजार में कारोबार शुरू किया था, उस समय शायद ₹10,000-₹12,000 सालाना की आमदनी पर ही कर देय होता था। 2013 में भी केवल ₹2,00,000 तक की आय पर कर नहीं लगाया जाता था। लेकिन आज, 2025 में, हम गर्व से कह सकते हैं कि वर्तमान भारत सरकार ने संपूर्ण परिस्थितियों का गहनता से अध्ययन करने के बाद ₹12,00,000 तक की आय को कर-मुक्त कर दिया है।

इसका सीधा असर यह होगा कि लगभग 7 करोड़ लोग आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे
₹12 लाख तक की आमदनी वालों को पूरी तरह कर से मुक्त कर दिया गया है, जबकि ₹25 लाख तक की आय वालों को भी लगभग ₹1 लाख की वार्षिक बचत होगी।

बजट का सबसे बड़ा असर – बाजार में पैसा और तेज गति से घूमेगा

यह बचा हुआ धन बाजार में पुनः प्रवाहित होगा और विभिन्न क्षेत्रों में इसका निवेश व उपभोग बढ़ेगा। चाहे वह रियल एस्टेट, टूरिज्म, म्यूचुअल फंड, बैंकिंग डिपॉजिट, या रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं हों—हर सेक्टर को इसका लाभ मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था में धन का प्रवाह तेज होगा और विकास दर को गति मिलेगी।

आयकर विभाग का आकार घटेगा – नौकरशाही का भ्रष्टाचार खत्म होगा!

जब 7 करोड़ लोग आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे, तो स्वाभाविक रूप से आयकर विभाग के लिए काम कम हो जाएगा।
इसका सकारात्मक प्रभाव यह होगा कि आम नागरिक को कर संबंधी झंझटों और भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। अब करदाताओं में वे लोग प्रमुख रहेंगे जिनकी सालाना आय ₹12 लाख से अधिक है, और वे पहले से ही वकीलों और कर विशेषज्ञों की मदद से कर-नियोजन (Tax Planning) करना जानते हैं।

कर सलाहकार की आवश्कता कम होगी

अघोषित आय (Black Money) टैक्स नेट में आएगी – जीडीपी को सीधा फायदा

अपने 45 वर्षों के शेयर बाजार के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि पहले जब ₹50,000 तक कर छूट थी, तो लोग ₹55,000 की आमदनी दर्शाते थे।
अब, जब ₹12 लाख तक की आय कर मुक्त है, तो वे लोग भी जो पहले ₹5 -₹10 लाख की आय दिखाते थे, अब ₹11-₹12 लाख तक की आय दिखाने लगेंगे। एसा मेरा मानना है
इससे कर संग्रह बढ़ेगा, क्योंकि अघोषित आय (Black Money) भी अब कर-चक्र में आ जाएगी, जिससे सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा और राष्ट्र निर्माण में योगदान बढ़ेगा।

शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी – STT कलेक्शन ₹80,000 करोड़ तक पहुंच सकता है!

शेयर बाजार में बढ़ते वॉल्यूम को देखते हुए मेरा अनुमान है कि STT (Securities Transaction Tax) का संग्रह ₹75,000-₹80,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।

  • बजट के बाद निवेश में तेजी आएगी।
  • शेयर बाजार में खुदरा निवेशक की भागीदारी बढ़ेगी।
  • IPOs और स्टार्टअप्स के लिए पैसा जुटाना आसान होगा।

 

बैंकिंग और विदेशी पूंजी – क्या सरकार सस्ते विदेशी ऋण की योजना लाएगी?

इस बजट में मेरी एक उम्मीद थी कि सरकार बैंकों को विदेशी धन संग्रह (Foreign Borrowing) के लिए कोई योजना बनाएगी।


यदि बैंकों को सस्ते ब्याज दरों पर विदेशी ऋण उपलब्ध हो जाए, तो वे भारत में निम्न ब्याज दरों पर कर्ज दे सकेंगे, जिससे फिक्स्ड डिपॉजिट में हो रही कमी को पूरा किया जा सकेगा और निवेश बढ़ेगा। मुझे उम्मीद है कि बजट सत्र के दौरान सरकार इस विषय पर अवश्य विचार करेगी।

जीएसटी संग्रह में संभावित वृद्धि

मुझे अनुमान है कि अगले वर्ष जीएसटी संग्रह ₹30 लाख करोड़ के पार जा सकता है।
इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि महाकुंभ, राजस्थान में खाटू श्याम जी का मेला, कैला देवी मेला, और अयोध्या, काशी, उज्जैन, महाकाल जैसे तीर्थ स्थलों में बढ़ती यात्रा से अर्थव्यवस्था में धन का प्रवाह तेजी से बढ़ रहा है।
टूरिज्म में बढ़ोत्तरी सीधे व्यापार और कर संग्रह को भी बढ़ावा देगी।

पुरानी कर प्रणाली छोड़ें – नई व्यवस्था ज्यादा फायदेमंद

जो आयकरदाता यह सोच रहे हैं कि सरकार ने पुरानी कर प्रणाली में कोई छूट नहीं दी, उन्हें यह समझना होगा कि सरकार चाहती है कि लोग पुरानी कर प्रणाली को छोड़कर नई कर प्रणाली अपनाएं।
नई कर प्रणाली सरल, पारदर्शी, और करदाता के लिए अधिक लाभदायक है, जिससे करदाताओं को भी दीर्घकालिक फायदा होगा।

बजट का समग्र प्रभाव

कुल मिलाकर, यह बजट बहुत दूरदर्शी और विकासोन्मुखी है।
लोगों को इसे समझने और धैर्य रखने की आवश्यकता है, क्योंकि सरकार का मुख्य फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर है।
भारत में पहली बार सरकार ने शिप बिल्डिंग के लिए भारी निवेश किया है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लाखों और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा।

अगर हम पिछले 10 वर्षों पर नजर डालें, तो भारत ने युद्ध क्षेत्र में हथियारों, खिलौनों , मोबाइल फोन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का निर्यात बढ़ाया है, जो पहले आयातित हुआ करते थे।

निष्कर्ष

यह बजट करदाताओं, निवेशकों, और आम जनता सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा।
आयकर छूट और अर्थव्यवस्था में धन के पुनः संचार से देश की जीडीपी में वृद्धि होगी और भारत को एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाने में मदद मिलेगी।

 

धन्यवाद,

सुनील दत्त गोयल

महानिदेशक
इम्पीरियल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जयपुर, राजस्थान

suneelduttgoyal@gmail.com

 

About Rtn. Suneel Dutt Goyal

Rtn. Suneel Dutt Goyal, a distinguished leader and visionary, has made significant contributions to Trade, Commerce, Industry, and Community service. Born and raised in Alwar and now based in Jaipur, Rajasthan, he is the Founder & Director General of the Imperial Chamber of Commerce and Industry (ICCI) since 2017. His leadership extends to key roles in the PHD Chamber of Commerce & Industry, the Confederation of Indian Industry (CII), and the Rotary Club Jaipur Round Town.

With over four decades of experience, Suneel has served as Co-Chairman of the Rajasthan Chapter of the PHD Chamber, Secretary, President and Zone Coordinator of the Rotary Club Jaipur Round Town, and Chairman, Treasurer and National Councillor for the Indian Institute of Material Management (IIMM). His dedication to community service is evident in his role as Patron of the Indian Red Cross Society and as a Life Member of the Indian National Trust for Art and Cultural Heritage (INTACH).

As Managing Partner of Goyal and Company, Suneel provides expert consultancy in SME IPOs, project financing, investments, and strategic business issues. He has played a pivotal role in the promoting & development of the Jaipur Stock Exchange Ltd., serving as its youngest Director and Vice-President, and has contributed to the formation of the Federation of Indian Stock Exchange Ltd.

Rtn. Suneel Dutt Goyal's expertise also spans corporate dairy farming and agriculture, where he drives innovation and sustainability. His multifaceted career and unwavering commitment to excellence make him a prominent figure in both the business and social sectors.