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भारत सरकार को सुझाव: आवश्यकता है एनसीसी और स्काउट गाइड को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किए जाने की।

भारत, एक ऐसा देश है जहां प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, भूकंप, आगजनी, रेल, सड़क, पुल दुर्घटनाएँ, बड़े समारोहों में भगदड़ और चक्रवात जैसी घटनाएँ अक्सर होती हैं, आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है। इस दिशा में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और स्काउट गाइड जैसे संगठनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। वर्तमान में, ये संगठन देश की युवा शक्ति को अनुशासन, नेतृत्व, और सामाजिक सेवा की दिशा में प्रशिक्षित कर रहे हैं।

सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूलों के पाठ्यक्रमों में ऐसे बदलाव हों जिससे इन बच्चों को प्रारम्भ से ही आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग मिल सके। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आपदा प्रबंधन का स्पेशलाइजेशन हो और इन संगठनों के छात्रों को इसमें प्राथमिकता दी जाए।
इसके अतिरिक्त, राज्य और केंद्र सरकारों में उनकी भर्ती में प्राथमिकता देने से एक सशक्त कार्यबल तैयार किया जा सकता है जो न केवल आपदाओं में बल्कि बड़े सामाजिक, धार्मिक, और राजनीतिक आयोजनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा। इस प्रकार का आत्मरक्षा बल तैयार करना राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

एनसीसी और स्काउट गाइड का महत्व
एनसीसी और स्काउट गाइड के माध्यम से छात्रों को अनुशासन, नेतृत्व, और आपातकालीन प्रतिक्रिया कौशल सिखाए जाते हैं। ये संगठन छात्रों को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करके देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही, इन संगठनों में शामिल होने से छात्रों में राष्ट्रीय एकता और अखंडता की भावना भी विकसित होती है।

एनसीसी के आंकड़े
कुल कैडेट्स: वर्तमान में NCC में लगभग 17 लाख कैडेट्स हैं, और सरकार ने इसे अगले 10 वर्षों में 27 लाख तक बढ़ाने की योजना बनाई है.

सक्रिय शाखाएँ: NCC के देशभर में 17 निदेशालय हैं, जो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं।

प्रशिक्षण संरचना: हर NCC बटालियन में 2,520 कैडेट्स को प्रशिक्षित करने की क्षमता है, जिससे यह संगठन विश्व का सबसे बड़ा युवा संगठन बनता है.

स्काउट गाइड के आंकड़े
कुल सदस्य: भारत में स्काउट और गाइड के लगभग 15 लाख सदस्य हैं, जो विभिन्न राज्यों में सक्रिय हैं.

सक्रिय शाखाएँ: स्काउट गाइड का नेटवर्क देश के कई शहरों और गांवों में फैला हुआ है, जो युवाओं को नेतृत्व और सामाजिक सेवा में प्रशिक्षित करता है।

ऐतिहासिक घटनाओं से सीख
भारत के विभिन्न हिस्सों में आई आपदाओं के दौरान NCC और स्काउट गाइड कैडेट्स ने अपने साहसिक योगदान से यह साबित किया है कि वे संकट के समय देश और समाज की सेवा में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।

2001 का भुज भूकंप: इस आपदा के दौरान, एनसीसी कैडेट्स ने राहत कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें बचाव अभियान और राहत सामग्री वितरण शामिल था। उनकी तत्परता और प्रशिक्षण ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज किया।

2013 का उत्तराखंड बाढ़: एनसीसी और स्काउट गाइड के सदस्यों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने और राहत सामग्री वितरित करने में मदद की।

COVID-19 महामारी: महामारी के दौरान, एनसीसी कैडेट्स ने जन जागरूकता अभियान चलाने और सुरक्षित प्रथाओं का पालन करने के लिए समुदायों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रशासन के साथ मिलकर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे लोगों को सही जानकारी मिल सकी।

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि NCC और स्काउट गाइड के सदस्य आपदाओं के समय में अत्यधिक कुशल और समर्पित होते हैं। यदि इन्हें औपचारिक प्रशिक्षण दिया जाए, तो वे और भी अधिक प्रभावी ढंग से अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकते हैं।

सरकारी नीतियों में सुधार की आवश्यकता –
भारत को आपदा प्रबंधन में और सशक्त बनाने के लिए सरकार को निम्नलिखित ठोस कदम उठाने चाहिए:

आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षण: NCC और स्काउट गाइड के सभी कैडेट्स को आपदा प्रबंधन का अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, जिसमें बाढ़, भूकंप, आग, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के तरीके सिखाए जाएं।

विशेष कोर्स की शुरुआत: स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर आपदा प्रबंधन में विशेष कोर्स शुरू किए जाने चाहिए, जिसमें NCC और स्काउट गाइड के छात्रों को प्राथमिकता दी जाए।

रोजगार में प्राथमिकता: एनडीआरएफ और एसडीआरएफ में भर्ती के समय भी NCC और स्काउट गाइड के छात्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिससे आपदा के समय त्वरित और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।

निष्कर्ष :-
NCC और स्काउट गाइड जैसे संगठनों में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण जोड़ने से न केवल आपदा के समय देश को सशक्त बनाया जा सकता है, बल्कि छात्रों के बीच इन संगठनों की लोकप्रियता भी बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ ही, सरकार को आपदा प्रबंधन के लिए समर्पित कोर्सेज की शुरुआत करनी चाहिए, जिसमें इन संगठनों के छात्रों को प्राथमिकता मिले। इतिहास में देखे गए योगदान के उदाहरण हमें यह बताते हैं कि NCC और स्काउट गाइड के प्रशिक्षित सदस्य आपदाओं के दौरान कितना महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं। यदि इन्हें और अधिक औपचारिक प्रशिक्षण और अवसर प्रदान किए जाएं, तो ये संगठन समाज के लिए एक अमूल्य संपत्ति बन सकते हैं।

धन्यवाद,
सुनील दत्त गोयल
महानिदेशक
इम्पीरियल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जयपुर, राजस्थान
suneelduttgoyal@gmail.com

Published on Rashtradoot : https://epaper.rashtradoot.com/search/1/2024-09-04/2

About Rtn. Suneel Dutt Goyal

Rtn. Suneel Dutt Goyal, a distinguished leader and visionary, has made significant contributions to Trade, Commerce, Industry, and Community service. Born and raised in Alwar and now based in Jaipur, Rajasthan, he is the Founder & Director General of the Imperial Chamber of Commerce and Industry (ICCI) since 2017. His leadership extends to key roles in the PHD Chamber of Commerce & Industry, the Confederation of Indian Industry (CII), and the Rotary Club Jaipur Round Town.

With over four decades of experience, Suneel has served as Co-Chairman of the Rajasthan Chapter of the PHD Chamber, Secretary, President and Zone Coordinator of the Rotary Club Jaipur Round Town, and Chairman, Treasurer and National Councillor for the Indian Institute of Material Management (IIMM). His dedication to community service is evident in his role as Patron of the Indian Red Cross Society and as a Life Member of the Indian National Trust for Art and Cultural Heritage (INTACH).

As Managing Partner of Goyal and Company, Suneel provides expert consultancy in SME IPOs, project financing, investments, and strategic business issues. He has played a pivotal role in the promoting & development of the Jaipur Stock Exchange Ltd., serving as its youngest Director and Vice-President, and has contributed to the formation of the Federation of Indian Stock Exchange Ltd.

Rtn. Suneel Dutt Goyal's expertise also spans corporate dairy farming and agriculture, where he drives innovation and sustainability. His multifaceted career and unwavering commitment to excellence make him a prominent figure in both the business and social sectors.